History of Oswal Sajnan
About Oswal Sajnan Samaj
श्री ओसवाल साजनान समाज मदारिया क्षेत्र के पूवर्ज करीब 2600 वर्ष पूर्व मारवाड में ओसिया ( जोधपुर ) में निवास करते थे | वहा रहेनेवाले वेश्य परिवारों को ओसवाल कहा जाता था | कालक्रम में स्थानांतरित होकर कई परिवार मेवाड़ 102 गावों में आकर बस गए | मेवाड़ की बहादुरी, त्याग के संस्कार इस समाज में खूब दृष्टीगोचर होते है | इस स्थान पर मेवाड़ का परिचय देना आवश्यक नहीं हे और उचित मी नहीं है |
मेवाड़ हमारे रग – रग में बसा हुआ है | फिर मी उन वीर, त्यागी पुरुषों को याद करने से हमारे मन में एक अदमुत आनंद का अनुमव होता है | मेवाड़ की आन – बान और शान महाराणा प्रताप और मी कई नरबंके शूरवीर एवं स्वामी भक्त धोडा चेतक प्रात: स्मरणीय है | हमारे लिए विशेष पूजनीय हमारे पूवर्ज भाभाशाह जिनहोंने इदं राष्ट्राय स्वाह न मम को चरितार्थ करते हुए अपनी सम्पूर्ण सम्पति राष्ट्र हित हेतु महाराणा प्रताप के कदमों में समर्पित कर दी| शत्रुंजयतीर्थ के सोलहवे उद्धारक आदरणीय करमाशा का नाम भी बड़ी श्रधा के साथ लिया जाता है|